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शनिवार, 10 नवंबर 2012
शनिवार, 15 सितंबर 2012
याद "अक्सर याद आती है..."
याद "अक्सर याद आती है ". . .
हिंदी दिवस के अवसर पर मैंने सोचा की कुछ मेरी ओर से भी योगदान रहे तो अच्छा लगेगा जो मुझसे हो सका वो मैंने कोशिश की है अभी में इस कोशिश में सफल हुआ की नहीं ये तो मुझे भी नहीं पता . . . मगर कुछ भी कहों आजकल अक्सर याद आती है मेरे यार की . . .
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
पल पल महकाती है खुशबू, हवा मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
चेहरे पे बिखेरता है चाँदनी, चाँद मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
दिखाती है सपने सुनहरे हर, रात मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
लालिमा लाती है चेहरे पर सूरज की, किरण मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
वो हरियाली टमाटर सी लाली याद दिलाती है, बचपना मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
हवा का झोंका गर्मी की तपन बारिश की हर बूँद याद दिलाता है, मौसम मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
सुनहरे हसीन चेहरे टमाटर सी, मुस्कान मेरे यार की
आजकल अक्सर याद आती है, मुझे मेरे यार की
गुरुवार, 23 अगस्त 2012
मिलते रहेंगे
“ मिलते रहेंगे ...”
जिंदगी में जरुर मिलते रहेंगे,
आप कैसे है ? पूछते रहेंगे ...
बात को बिगड़ने नहीं देंगे,
अगर बिगड़ी तो सँभालते रहेंगे ...
अलविदा तो अब भी नहीं कहूँगा,
छोटे छोटे पल चुराकर मुस्कुराते रहेंगे,
छोटे छोटे बहाने बनाकर मिलते रहेंगे ...
मिलने की तमन्ना दिल में रखता हूँ, इसलिए अलविदा कभी नहीं कहेंगे ...